चीन की कॉमर्स मिनिस्ट्री ने रविवार को अमेरिका से अपील की है कि वो रेसिप्रोकल (जैसे को तैसा) टैरिफ पूरी तरह से रद्द कर दे। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कल ही स्मार्टफोन, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स इक्विपमेंट्स को टैरिफ के दायरे बाहर किया है।
चीनी मंत्रालय ने कहा-
शेर के गले में बंधी घंटी को सिर्फ वही इंसान खोल सकता है जिसने उसे बांधा है। हम अमेरिका से अपील करते हैं कि वह अपनी गलतियों को सुधारने के लिए एक बड़ा कदम उठाए। रेसिप्रोकल टैरिफ की गलत प्रथा को पूरी तरह से रद्द करे और आपसी सम्मान के रास्ते पर लौट आए।
चीन ने कहा कि वो अभी इलेक्ट्रॉनिक्स सामान को टैरिफ के दायरे से बाहर रखने के फैसले का मूल्यांकन कर रहा है, क्योंकि अभी भी ज्यादातर चीनी सामान पर 145% टैरिफ लग रहा है।
चीन की अपील- अमेरिकी की आर्थिक धौंस के खिलाफ एकजुट हों
शुक्रवार को चीन ने अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर टैरिफ 84% से बढ़ाकर 125% कर दिया था, जबकि अमेरिका ने चीनी प्रोडक्ट्स पर टैरिफ बढ़ाकर कुल 145% कर दिया था। इस बीच, चीन ने बाकी देशों से भी ट्रम्प की आर्थिक धौंस के खिलाफ एकजुट होने का अपील की है।
चीन के कॉमर्स मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान जारी कहा था कि अगर अमेरिका चीन के हितों का उल्लंघन करना जारी रखने पर अड़ा रहता है, तो चीन मजबूती से जवाबी हमले करेगा और अंत तक लड़ेगा।
इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स पर छूट से अमेरिकी टेक कंपनियों को राहत
अमेरिकी कस्टम एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) की तरफ से कल नोटिस जारी कर कहा गया था कि स्मार्टफोन, कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट्स को रेसिप्रोकल टैरिफ से छूट दी गई है। CBP के नोटिस में सेमीकंडक्टर, सोलर सेल, फ्लैट पैनल टीवी डिस्प्ले, फ्लैश ड्राइव और मेमोरी कार्ड को भी छूट दी गई। इस फैसले को कई अमेरिकी टेक कंपनियों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है।
टेक कंपनियों ने हाल ही में चिंता जाहिर की थी कि टैरिफ के फैसले से अमेरिका में इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स की कीमतें बढ़ सकती हैं, क्योंकि कई प्रोडक्ट्स चीन में बनते हैं।
एपल को सबसे बड़ी राहत
इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियां खास तौर पर एपल के लिए टैरिफ में छूट बड़ी राहत मानी जा रही है। जब से अमेरिका ने चीन पर टैरिफ की दरों को बढ़ाकर 145% किया, तब से एपल को 1 हजार डॉलर के हर आईफोन पर लगभग 700 डॉलर के इम्पोर्ट टैक्स का सामना करना पड़ रहा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 90% आईफोन चीन में ही बनाए जाते हैं।
CBP के नोटिस में सेमीकंडक्टर को ज्यादातर अमेरिकी व्यापारिक साझेदारों पर लगाए गए बेसलाइन 10% टैरिफ और चीन पर लगाए गए 125% एक्स्ट्रा टैरिफ से भी बाहर रखा गया है
चीन ने कहा था- झुकने के बजाय आखिर तक लड़ेंगे
अमेरिका के साथ चल रहे टैरिफ वॉर के बीच चीन ने कुछ दिन पहले कहा था कि वह अमेरिका के आगे ‘जबरदस्ती’ झुकने के बजाय आखिर तक लड़ना चुनेगा। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि चीन उकसावे से नहीं डरता, वह पीछे नहीं हटेगा।
माओ निंग ने सोशल मीडिया पर कई सारे पोस्ट शेयर किए थे। इसमें एक पूर्व चीनी नेता माओ जेदोंग का भी वीडियो था। उसमें माओ कह रहे हैं- हम चीनी हैं। हम उकसावे से नहीं डरते। हम पीछे नहीं हटते। यह वीडियो 1953 का है जब कोरियाई जंग में चीन और अमेरिका अप्रत्यक्ष तौर पर आमने-सामने थे।
वीडियो में माओ कहते हैं- यह जंग कब तक चलेगी, यह हम नहीं तय कर सकते। यह राष्ट्रपति ट्रूमैन या फिर आइजनहावर या फिर जो नया राष्ट्रपति बनेगा, उस पर निर्भर करता है। चाहे यह जंग कितनी भी लंबी क्यों न चले, हम कभी भी नहीं झुकेंगे। हम तब तक लड़ेंगे जब तक हम पूरी तरह से जीत नहीं जाते।
माओ निंग ने एक दूसरे पोस्ट में एक तस्वीर शेयर की थी। इसमें यह बताया गया है कि कीमत मंहगी होने के बाद भी अमेरिकी चीनी सामान ही खरीदेंगे।