मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि देश की राजधानी में लाल किले की प्राचीर पर ऐतिहासिक महानाट्य सम्राट विक्रमादित्य का मंचन उस युग को जीवंत करने का प्रयास है। यह विश्व में भारत द्वारा सुशासन और लोकतांत्रिक व्यवस्था को स्थापित करने की दिशा में कारगर रहेगा। फिल्मों के निर्माण और डिजिटल युग के बावजूद प्राचीन नाट्य परम्परा से परिचित करवाने वाले इस महानाट्य के अंश अविस्मरणीय रहेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोमवार को नई दिल्ली में तीन दिवसीय महानाट्य सम्राट विक्रमादित्य के मंचन के समापन अवसर पर संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में महानाट्य के कलाकारों का सम्मान भी किया गया। इसमें अनेक जनप्रतिनिधि, धर्म और आध्यात्म क्षेत्र की हस्तियां और बड़ी संख्या में कला प्रेमी उपस्थित थे।
विरासत से विकास के मंत्र पर हो रहा है कार्य
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विरासत के संरक्षण के साथ विकास का मंत्र दिया है। वास्तव में वर्तमान काल अदभुत है। प्रधानमंत्री श्री मोदी स्वयं को प्रधान सेवक मानते हैं। आज भारत की गरिमा विश्व में निरंतर बढ़ रही है। एक समय था जब सम्राट विक्रमादित्य ने न्याय, वीरता और सुशासन के महत्व को स्थापित किया। सम्राट विक्रमादित्य के युग को पुन: महानाट्य के माध्यम से जीवंत किया गया है। सम्राट विक्रमादित्य के जीवन के विभिन्न पक्षों को महानाट्य के माध्यम से आमजन सामने लाने का अभूतपूर्व कार्य हुआ है।
नाट्य विधा प्राचीन विधा है, इसका आज भी है महत्व
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नाट्य विधा एक प्राचीन विधा है। आज के डिजिटल युग में भी इस विधा का महत्व बरकरार है। फिल्मों के निर्माण के साथ अनेक माध्यमों से कला और संस्कृति के दर्शन होते हैं लेकिन महानाट्य से सम्राट विक्रमादित्य के जीवन और शासन काल को प्रभावी तरीके से प्रस्तुत किया गया है। यह महानाट्य हमारे इतिहास के स्वर्णिम पृष्ठ और गौरवशाली अतीत से परिचय करवाता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य के मंचन के लिए आवश्यक समन्वय एवं सहयोग प्रदान करने के लिये दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता के प्रति आभार व्यक्त किया।
विशिष्ट अतिथियों का मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने माना आभार
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दिल्ली में महानाट्य के मंचन को देखने के लिए पधारे राज्य सभा के उप सभापति श्री हरवंश सिंह, केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर, स्वामी अचलानंद जी, मध्यप्रदेश के मंत्रीगण श्री राकेश सिंह, श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, श्री नरेंद शिवाजी पटेल, दिल्ली सरकार के मंत्री श्री आशीष सूद का उपस्थिति के लिए आभार माना और संस्कृति मंत्रालय एवं विक्रमादित्य शोध पीठ के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
केंदीय संचार मंत्री श्री सिंधिया ने कहा कि भारत के इतिहास के महान योद्धा और कुशल शासक सम्राट विक्रमादित्य की स्मृति में आयोजित महानाट्य के माध्यम से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इनकी गौरवगाथा को राष्ट्रीय पटल पर लाने का श्रेष्ठ काम किया है। भविष्य में इसे विश्व पटल पर भी पहुंचाया जाएगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा संचालित की जा रही जनकल्याणकारी योजनाएं भी सम्राट विक्रमादित्य के शासन की याद दिलाती हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव इस महानाट्य से भावनात्मक रूप से विगत 18 वर्षों से जुड़े हुए हैं। जब वे सम्राट विक्रमादित्य के पिताश्री की भूमिका निभाते आए हैं। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने विरासत और विकास को जोड़ने का प्रशंसनीय काम किया है।
राज्यसभा उपसभापति श्री हरिवंश ने कहा कि अतीत के प्रेरक प्रसंगों से भविष्य गढ़ने की ताकत और ऊर्जा मिलती है। वर्तमान युग भारत के पुनर्जागरण का युग है, ऐसे में इतिहास के गौरवशाली प्रसंग प्रेरणा देते हैं। सम्राट विक्रमादित्य के न्याय, धर्म, कला और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध शासनकाल को जनमानस की स्मृति में ताजा करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव बधाई के पात्र हैं।
दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य के जीवन को महानाट्य रूप में प्रस्तुत करने का सौभाग्य दिल्ली को प्राप्त हुआ है। उन्होंने इस अवसर के लिये मुख्यमंत्री डॉ. यादव का दिल्लीवासियों की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने बताया कि ऐसे आयोजन एक भारत श्रेष्ठ भारत का संदेश देते हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकारें को अपने गौरवशाली इतिहास और संस्कृतियों का आदान-प्रदान कर शीर्ष पर ले जाने का कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने विभिन्न प्रदेशों की संस्कृतियों को माला के मोतियों की तरह पिरो कर जनता तक पहुंचाने की शुरुआत की है।
कार्यक्रम में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर, मध्यप्रदेश शासन के लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह, ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री श्री नरेंद्र शिवाजी पटेल, सांसद श्री वीडी शर्मा, आचार्य अचलानंद जी महाराज, गृह और ऊर्जा मंत्री दिल्ली शासन श्री आशीष सूद भी उपस्थित थे।