आईपीओ और एफपीओ में क्या है फर्क
शेयर बाजार में आईपीओ और एफपीओ के बारे में खूब चर्चा होती है। इनीशियल पब्लिक ऑफर या आईपीओ तो उस कंपनी का आता है जिसके शेयर पहले से शेयर बाजारों में लिस्टेड नहीं है। जबकि फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर या एफपीओ एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक कंपनी, जो पहले से ही शेयर बाजार में सूचीबद्ध है, निवेशकों या मौजूदा शेयरधारकों, आम तौर पर प्रमोटरों को नए शेयर जारी करती है। कंपनी इन शेयरों के इश्यू के जरिए अतिरिक्त फंड जुटाती है।
बोर्ड से फरवरी में ही मिली थी मंजूरी
वोडाफोन आइडिया का एफपीओ लाने के लिए इसके बोर्ड ने बीते 27 फरवरी को ही मंजूरी दे दी थी। उस समय खबर आई थी कि बोर्ड ने इक्विटी के माध्यम से ₹20,000 करोड़ तक जुटाने की मंजूरी दे दी है। कंपनी ने हाल ही में अपनी प्रमोटर संस्थाओं में से एक - ओरियाना इन्वेस्टमेंट्स पीटीई लिमिटेड, जो कि आदित्य बिड़ला समूह से संबंधित है, को प्रीफरेंशियल शेयर जारी करके ₹2,075 करोड़ जुटाए हैं। बताया जाता है कि ₹20,000 करोड़ इक्विटी फंड जुटाने के अलावा, वोडाफोन आइडिया डेट फंडिंग के लिए बैंकों के साथ बातचीत कर रही है, जिससे इक्विटी और डेट के संयोजन के रूप में कुल फंड जुटाकर ₹45,000 करोड़ हो जाएगा।