दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार 18 अप्रैल को आरोप लगाया था कि वे जेल में जानबूझकर मीठा खा रहे हैं, ताकि इससे उनका शुगर लेवल बढ़ जाए और उन्हें मेडिकल के आधार पर जमानत मिल जाए।
केजरीवाल ने अपने शुगर लेवल की रेगुलर जांच और वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अपने डॉक्टर से परामर्श की याचिका लगाई थी। इसी सुनवाई के दौरान ED के वकील जोहेब हुसैन ने स्पेशल जज कावेरी बावेजा के सामने ये दलीलें रखी थीं।ED के मुताबिक केजरीवाल को टाइप-2 डायबिटीज है, लेकिन वह जेल में आलू पूड़ी, आम और मीठा खा रहे हैं। केजरीवाल शराब घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में 18 दिन से बंद हैं और उन्हें घर का खाना खाने की परमिशन मिली है।
कोर्ट ने इन आरोपों के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन से केजरीवाल के खाने-पीने और दवाओं की रिपोर्ट मांगी थी। जिस पर भी आज शुक्रवार (19 अप्रैल) को सुनवाई होगी।
इधर, केजरीवाल ने जेल में इंसुलिन मुहैया कराने के लिए राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका दायर की है। जिस पर दोपहर 2 बजे सुनवाई होगी।
केजरीवाल के वकील ने वापस ली याचिका
CM केजरीवाल की ओर से पेश वकील विवेक जैन ने ED की दलीलों पर आपत्ति जताई । जैन ने यह भी कहा कि जांच एजेंसी केवल मीडिया के लिए ये आरोप लगा रही है। जैन ने मौजूदा आवेदन वापस ले लिया, साथ ही कहा कि वे दूसरी याचिका लगाएंगे।
आप का दावा- एजेंसी घर का खाना बंद करना चाहती है
केजरीवाल को लेकर ED के आरोपों के बाद गुरुवार (18 अप्रैल) को दिल्ली की मंत्री आतिशी ने कहा था कि अरविंद केजरीवाल रोज 54 यूनिट इंसुलिन लेते है। उन्हें सीवियर डायबिटीज है। ED केजरीवाल का घर का खाना बंद करना चाहती है।
आतिशी ने कहा- डायबिटिक पेशेंट क्या खाएगा, क्या एक्सरसाइज करेगा, ये तय रहता है। इसी वजह से कोर्ट ने उन्हें घर के खाने की परमिशन दी। ED केजरीवाल की सेहत बिगाड़ना और उनका घर का खाना रोकना चाहती है। ED के ये आरोप सरासर झूठे हैं।