इंदौर। खाद्य तेलों के दाम चुनावी मौसम में तेजी की ओर है। दि सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सोपा) की रिपोर्ट ईशारा दे रही है कि आने वाले दिनों में सोयाबीन और तेल दोनों के दामों में मंदी तो नहीं दिख रही। रिपोर्ट पर यकीन करें तो सोयाबीन के दाम मंडी में भले ही अभी निचले स्तर पर है, लेकिन आने वाले दिनों में बढ़ सकते हैं।
दरअसल सोपा ने आइल ईयर 2023-24 यानी अक्टूबर 2023 से सितंबर 2024 तक की अवधि के लिए आंकलित मांग और आपूर्ति के आंकड़े जारी किए हैं। मार्च 2024 तक की अवधि का बीते वर्ष इस अवधि से तुलना भी की है। सोपा ने निर्यात, आयात और सोयाबीन क्रशिंग का डाटा भी जारी किया है। इसके अनुसार, इस साल सोयाबीन की उलब्धता घट रही है, जबकि निर्यात बढ़ा है।
सोपा के अनुसार, 31 मार्च तक कुल 120 लाख टन सोया क्रशिंग हो चुकी है। सोयामील एक्सपोर्ट भी बढ़कर 18 लाख टन पर पहुंचा है। सबसे ज्यादा हमारा सोयामील ईरान, यूएई, बांग्लादेश और नेपाल ने खरीदा है। सोयाबीन की उलब्धता सोपा ने पिछले साल से कम बताई है। सोपा के अनुसार, बीते सीजन में क्रशिंग के लिए कुल 143 लाख टन से ज्यादा सोयाबीन उपलब्ध था। इस सीजन में 135 लाख टन ही उपलब्ध है।
अब सिर्फ करीब दो लाख टन स्टाक शेष
हालांकि मंडियों में आने वाले सोयाबीन की मात्रा मार्च समाप्ति तक बीते वर्ष के समान ही 77 लाख टन है। हालांकि क्रशिंग इस साल 67.50 लाख टन की हो चुकी है जो बीते वर्ष समान अवधि की तुलना में 2 लाख टन अधिक है। इसके अब कारोबारियों और किसानों के पास इस साल शेष स्टाक बीते साल से कम है।
बीते साल 70.23 लाख टन के मुकाबले इस साल एक अप्रैल तक अब 64.83 लाख टन सोयाबीन शेष है। सोयामील का निर्यात तो बढ़ा, लेकिन अब मील का भी शेष स्टाक कम है। अब सिर्फ 1.80 लाख टन सोयामील ही स्टाक में है। बीते वर्ष इसके मुकाबले दो लाख टन सोयाबीन स्टाक में ज्यादा था। इस लिहाज से मांग और आपूर्ति का दबाव बढ़ने से सोयाबीन तेल, मील और सोयाबीन की कीमतों में आगे मंदी नहीं दिख रही। तंग आपूर्ति और अधिशेष स्टाक की कम मात्रा दामों में तेजी को बढ़ावा दे सकती है। ऐसे में उपभोक्ताओं और बाजार को महंगाई से मुक्ति मिलती नहीं दिख रही है।